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प्रेम समाज की शर्तों पर नहीं संवेदना की शर्तों पर होता है
‘इस ज़िंदगी के उस पार’ संग्रह के सन्दर्भ में…..‘इस ज़िन्दगी के उस पार’ कहानी संग्रह का मुख्य पृष्ठ ट्रांसजेंडर की विडंबना से सीधा साक्षात्कार करता है। ऐसा एहसास होता है कि समाज के बंद द्वार के सामने वंचित, शोषित, उपेक्षित, अभिशापित ट्रांसजेंडर वर्ग का कोई प्रतिनिधि खड़ा हुआ; समाज से दरवाज़ा खोलने और स्वयं को स्वीकारने की अपील कर रहा है और भीतर से समाज ने अपनी दूषित मान्यताओं और
Read Moreपंखुरी सिन्हा की पाँच कविताएं
तेज़पत्ते और चन्दन के जंगल में रोना भी भोजन के बाद मुमकिन था यानि गिरना आंसू का पत्थर से सख्त, बेजान दिनों में आँसू भी भोजन के बाद आते थे इतनी भयानक भूख थी और ठंढ भी और तभी मुमकिन था, आगे बढ़ना खा लेने, और रो लेने के बाद उसकी ठुड्डी से होकर पहुँचना उसके गले तक टटोलते उसके जबड़े की सारी तराश को थामकर उसका चेहरा अपने हाथों
Read Moreहिंदी ग़ज़ल में बुजुर्गों की स्थिति -डाॅ भावना
आंकड़े पर गौर करूँ तो हेल्पेज इंटरनेशनल नेटवर्क ऑफ चैरिटीज द्वारा तैयार ग्लोबल एंड वॉच इंडेक्स 2015 में 96 देशों में बुजुर्गों की स्थिति के मामले में भारत को 71 वां स्थान दिया गया है। सर्वेक्षण के अनुसार भारत बुजुर्गों के लिए सबसे खराब देश के रूप में शुमार है, वहीं स्विटजरलैण्ड सबसे अच्छी जगह मानी जाती है। ताज्जुब है कि “मातृ देवो भव: पितृ देवो भव: से अपने जीवन
Read Moreपंकज चौधरी की चार कवितायें
1 उदाहरण उसने पच्चीस हजार के कपड़े खरीदे बीस हजार के जूते अस्सी हजार के गहने खरीदे और बीस हजार के खिलौने उसने दस हजार के फल-फूल भी खरीदे तो बीस हजार के मेवा-मिष्ठान्न ये सब खरीदारियां उस दोस्त के सामने होती रहीं जिसको फकत दो हजार की दरकार थी कर्ज के रूप में मुंह खोलकर बोला था उसने लेकिन आंखें नम कर चला आया धन-दौलत का चरित्र इतना बेरहम
Read Moreशिलावहा: अतीत और वर्तमान से मुक्त निरे भविष्य की महागाथा
हिंदी साहित्य के मिथकीय लेखन पर बात की जाए तो वहाँ पुरुषों का आधिपत्य नहीं एकाधिकार है | या तो स्त्रियों ने इतना साहस नहीं दिखाया या उन्हें चिन्हित नहीं किया गया | चूँकि इस क्षेत्र में चुनौतियां अधिक हैं क्योंकि पौराणिक आख्यान हमारी रग-रग में इस कदर रचे बसे हैं कि उन्हें जन-जीवन से अलग किया जाना सम्भव नहीं है | एक समस्या यह भी है कि वह हमारे
Read Moreबिरहा सम्राट पद्मश्री हीरालाल यादव का निधन
अपनी लोकगायकी ‘ बिरहा ‘ के माध्यम से करोड़ों लोगों के दिल में बसने वाले हीरालाल यादव का 11 मई 2019 शनिवार को बनारस के एक अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन की खबर सुनकर पूर्वांचल के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई। वे 83 वर्ष के थे और पिछले कई दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे। शनिवार देर रात उनके पार्थिव शरीर को चौका घाट स्थित
Read Moreपूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी का आईएनएस विराट से सैर सपाटा
‘फिजूल खर्ची साफ दिखाई दे रही थी। देश के सबसे प्रमुख युद्धपोत आईएनएस विराट का इस्तेमाल राजीव गांधी के परिवार की सवारी के तौर पर किया गया। इस दौरान 10 दिनों तक अरब सागर में ही घूमता रहा। इस युद्धपोत पर होने वाला दैनिक खर्च बेहिसाब है क्योंकि यह जहां भी जाता है, इसके साथ सुरक्षा पोतों का पूरा काफिला चलता है। बताया जाता है कि इस काम के लिए
Read Moreअमृता प्रीतम के उपन्यासों में चित्रित नारी
इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना दर्द का हद से गुज़र जाना है दवा हो जाना -ग़ालिब जीवन परिचय : अमृता प्रीतम ने अपने जीवन में जिस दर्द को जिया, वही उनकी रचनाओं में दवा की तरह उतर कर आया है. 31 अगस्त, 1919 को गुजरांवाला (पाकिस्तान) में करतार सिंह हितकारी तथा राज कौर के यहाँ जन्मी अमृता का सम्पूर्ण जीवन और लेखन एक ऐसी स्त्री की कहानी है
Read Moreप्रियदर्शन की तीन कविताएं
सफल लोगों के बारे में एक असफल आदमी की कविता मेरे आसपास कई सफल लोग हैं अपनी शोहरत के गुमान में डूबे हुए। जब भी उन्हें कोई पहचान लेता है वे खुश हो जाते हैं और अक्सर ऐसे मौकों पर अतिरिक्त विनयशील भी जैसे जताते हुए कि उन्हें तो मालूम भी नहीं था कि वे इतने सफल और प्रसिद्ध हैं और बताते हुए कि उन्हें तो पता भी नहीं है कैसे आती है सफलता और कैसे
Read Moreअमूर्त्त मुद्दों पर लड़ रहा विपक्ष- अरुण कुमार
लोकसभा चुनाव 2019 के चार चरण पूरे हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र से मुक़ाबले के लिए अब तक धूर विरोधी पार्टियों ने आपस में गठबंधन कर लिया है। लेकिन चुनाव में जीत गठबंधन से ज्यादा मुद्दों पर निर्भर करती है। ऐसे में विपक्षी पार्टियों के नेताओं के भाषणों को सुनें तो हम पाते हैं कि उनके पास कोई भी मुद्दा नहीं है जिनके आधार पर वे मोदी सरकार को कठघड़े में
Read Moreबूथ कैप्चरिंग : बिहार के दो गांवों की कहानी
हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के दरभंगा से सांसद कीर्ति झा आजाद कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनके संसदीय क्षेत्र दरभंगा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्वागत समारोह का आयोजन किया था। इस समारोह में उन्होंने कहा कि पहली बार जब मैं चुनाव लड़ रहा था तब मेरे लिए बूथ कैप्चरिंग की गई थी तथा मेरे पिता और बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आज़ाद
Read Moreमोदी है तो मुमकिन है
भारतीय की वर्तमान विदेश नीति की एक और बड़ी सफलता। पुलवामा आतंकी घटना के 75 दिन बाद पूरी दुनिया ने पाकिस्तान को केन्द्र मानकर अपनी गतिविधि चला रहे मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी मान लिया गया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मसूद अजहर को अब अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने जैश-ए- मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ इस प्रकार की सख्त
Read Moreकर्पूरी ठाकुर: तिरस्कार झेलकर जिसने बिहार बदला
पुण्य स्मरण:- 24 जनवरी 2018 को देश के सबसे प्रभावशाली समाजवादी-लोहियावादी नेताओं में से एक कर्पूरी ठाकुर का 96 वां जन्मदिवस है। उनका जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था, जो जन्मतिथि नहीं लिखकर रखते और न ही जन्मपत्री बनवाते हैं। स्कूल की रजिस्टर में उनकी जन्मतिथि 24 जनवरी 1924 दर्ज है इसलिए इसे ही उनका असली जन्मदिन मान लिया गया है।आज के दिन बिहार में बड़े पैमाने पर कर्पूरी
Read Moreमीडिया,महिला और न्याय
भारत में बलात्कार की घटनाएं खूब होती हैं। राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार भारत में पिछले 3 वर्षों में 35000 महिलाएं बलात्कार की शिकार हुईं। राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का ही एक रिपोर्ट कहता है कि 2014 में प्रतिदिन औसतन 93 महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं घटीं। ये वे आंकड़ें हैं जो पुलिस द्वारा रिकॉर्ड की गई लेकिन पूरे देश
Read Moreसांस्कृतिक कैलेंडर पर विवाद
बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने राज्य से संबंधित साहित्यकारों, महापुरुषों की याद में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों व महोत्सवों पर खर्च होने वाले आवंटित धन राशि के बारे में सांस्कृतिक कैलेंडर जारी किया है। इस सांस्कृतिक कैलेंडर में विभिन्न साहित्यकारों व महापुरुषों के लिए आवंटित धन में एकरूपता नहीं है बल्कि किसी के लिए अधिक धन आवंटित किए गए हैं तो किसी के लिए बहुत
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