विदेशी पूंजी ले रहे संगठनों की निगरानी आवश्यक
‘इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन’ और ‘इंडिया फॉर चिल्ड्रेन’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘विदेशी धन, सामाजिक कल्याण और स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका’’ विषय पर एक ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ डॉ. सुधांशु जोशी, जानेमाने अर्थशास्त्री और स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक प्रो. अश्विनी महाजन एवं इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन के निदेशक डॉ. कुलदीप रतनू ने अपने विचार रखे। ऑनलाइन परिचर्चा की कुछ मुख्य बिंदुओं को पढ़ें-
Read Moreमाकूल सवाल खड़े करता संतोष पटेल का काव्य संग्रह ‘नो क्लीन चिट’- ममता
पुस्तक समीक्षा- ‘नो क्लीन चिट’ , लेखक- डॉ. संतोष पटेल, प्रकाशक- कलमकार पब्लिशर्स प्रा.लि. नई दिल्ली – 110078, प्रथम संस्करण – 2021 कवि, आलोचक , गीतकार और अनुवादक के रूप में साहित्यिक जगत में अपनी लगातार उपस्थिति दर्ज करते हिंदी और भोजपुरी भाषा के कवि डॉ संतोष पटेल का नया कविता संग्रह ‘नो क्लीन चिट’ हमारे सामने प्रस्तुत है। वर्तमान समय की घटनाओं को अपनी कविता में उठाना कवि
Read Moreकश्मीर का राजनीतिक इतिहास- अंकित जायसवाल
कश्मीर का इतिहास आदिमानव से ही शुरू हो जाता है क्योंकि यहाँ से लाखों वर्षों पहले रहने वाले मानव जैसे प्राणियों के अस्थिअवशेष मिले हैं। कश्मीर को एक विशिष्ट पहचान नवपाषाण कालीन स्थलों बुर्जहोम और गुफ़्कराल (दोनों झेलम घाटी में, 5000 वर्ष पूर्व) से मिलती है जहाँ सीढ़ियों वाले घर (गड्ढों में) मिलें हैं। अगर हम बात करें कश्मीर के लिखित इतिहास की तो यहाँ से सम्राट अशोक द्वारा श्रीनगर
Read Moreशहर की स्लम बस्तियों के बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए ‘केएससीएफ’ और ‘बोट’ ने मिलाया हाथ
प्रतिभा विकास कार्यक्रम गरीब बच्चों को संगीत, नृत्य, रंगकर्म और क्रिकेट में अपनी प्रतिभा को निखारने और उसे प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा बच्चों को वरिष्ठ कलाकार और खिलाड़ी विशेष ट्रेनिंग देंगे प्रतिभावान बच्चों को स्कॉलरशिप भी दी जाएगी कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) और आईटी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी BOAT ने दिल्ली की स्लम बस्तियों के बच्चों में छुपी प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से ‘‘प्रतिभा विकास कार्यक्रम’’
Read Moreप्रियंका ओम की कहानी- ‘धूमिल दोपहर’
प्रियंका ओम की यह कहानी ‘जानकीपुल’ पर प्रकाशित हुई है। कहानीकार से अनुमति लेकर इसे लोकमंच पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। कभी-कभी देर तक सोना चाहती हूँ, इतनी देर तक कि जैसे कोई सुबह नहीं हो। सोते हुए मैं अपनी उस कहानी को पूरा करना चाहती हूँ जो वर्षों से अधलिखी पड़ी है। अधूरी कहानी। अधूरे प्रेम की अधलिखी कहानी। मैं उस प्रेम कहानी को क्यूँ पूरा करना चाहती
Read More‘गीता महाबोध’ का दर्शनिक स्रोत- हरेराम सिंह
भारतीय संस्कृति एवम् समाज में कृष्ण न सिर्फ एक नायक हैं बल्कि वे दार्शनिक भी हैं। उनकी उपस्थिति मन को ही नहीं बल्कि पूरे लोकजीवन को रोमांस व खुशी से भर देने वाली है। जहाँ कृष्ण हैं वहाँ उमंग है, प्रेम है, भ्रातृत्व है और प्रकृति के साथ तादात्म्य है। कृष्ण का जीवन हमारा आनुषंगिक है, प्रेरणा स्रोत है। कृष्ण ने जहाँ तक संभव हो पाया है कृषि-संस्कृति को अपने
Read Moreबिहार विधान सभा: एक-दूसरे को आईना दिखाते रहे मुख्यमंत्री और अध्यक्ष- वीरेंद्र यादव
आज बिहार विधानसभा में एक अप्रत्याशित घटना घटी जिसने लोकतंत्र को शर्मसार कर दिया। 16 वर्षों से बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज नीतीश कुमार विधानसभा अध्यक्ष से ही उलझ गए। पढ़ें, पूरी बहस – मुख्यमंत्री: एक मिनट आप, अध्यक्ष महोदय, अभी आपने कहा है इसके बारे में कि इसका परसों फिर दीजिए यह बिल्कुल नियमों के प्रतिकूल है। आपको कहना चाहता हूं। मैं सुन रहा था इसीलिए हम
Read Moreसुमन केशरी का नाटक ‘गांधारी’: महाभारत की स्त्रियों का सामूहिक आर्तनाद- आनंद पांडेय
कोई कथा एक बार एक मुख से एक श्रोता या श्रोताओं को सुनाने की चीज़ नहीं होती बल्कि अनेक मुखों से अनेक श्रोताओं को अलग-अलग देश-काल में बार-बार सुनाने की चीज़ होती है। किसी कथा की शक्ति व लोकप्रियता का प्रतिमान ही यह होता है कि वह कितने लोगों के द्वारा, कितने लोगों के लिए कितनी बार और कितने समय तक सुनाई जाती है। इस प्रक्रिया में कथा में परिवर्तन
Read Moreनवीन जोशी की कविता- वसुंधरा जी आएँ इस बार
राजस्थान फिर करें पुकार वसुंधरा जी आये इस बार भाजपा की बेटी बनकर सुशासन की नींव लगाई विपक्षी दल मुँह को तांके ऐसी तुमने रीत चलाई चले रीत यह बार-बार वसुंधरा जी आये इस बार.. औरत को सम्मान दिलाया पुरूषों के संग मान दिलाया ऊंच-नीच का भेद मिटाया औरत को मजबूत बनाया बने मजबूत यह हर बार वसुंधरा जी आये इस बार.. शिक्षा क्षेत्र में बाढ़ जो आई अपराधों पर
Read Moreनोबेल शांति विजेता कैलाश सत्यार्थी ने लड़कियों के जीवन को बदलने वाले ई-रिक्शा चालक ब्रह्मदत्त और महिला पुलिस कॉन्स्टेबल सुनीता को किया सम्मानित
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (08 मार्च) पर विशेष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों के जीवन को बदलने वाले ई-रिक्शा चालक ब्रह्मदत्त राजपूत और महिला पुलिस कॉन्स्टेबल सुनीता को उनके साहस और बहादुरी के लिए सम्मानित किया है। ई-रिक्शा चालक ब्रह्मदत्त ने 2 लड़कियों को ट्रैफिकर के चंगुल से मुक्त कराया है। वहीं पश्चिमी दिल्ली में पुलिस कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात
Read Moreकहीं पर नज़रें, कहीं पर निशाना : जेएनयू की कुलपति के विरोध की वास्तविक वजहें- रसाल सिंह
राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति प्रोफ़ेसर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित की नियुक्ति विवाद का विषय बना दी गयी हैI तीन साल पहले ही अपनी स्वर्णजयंती मना चुके देश के इस प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थान के कुलपति के रूप में नियुक्त होने वाली वे पहली महिला शिक्षाविद् हैंI वे पिछड़े वर्ग से आने वाली दक्षिण भारतीय हैंI वे इसी विश्वविद्यालय की पूर्व-छात्रा भी हैंI इसलिए यह उपलब्धि
Read Moreलोकनाट्य: अवधारणा, इतिहास और स्वरूप- अरुण कुमार
हिन्दी ऑनर्स के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी ‘लोक’ शब्द की उत्पत्ति संस्कृत की ‘लोकृ दर्शने’ धातु में ‘धञ’ प्रत्यय जोड़ने से हुई है। ‘लोकृ दर्शने’ का अर्थ होता है- देखना। अतः ‘लोक’ शब्द का शाब्दिक अर्थ ‘देखना’ होता है, परन्तु व्यवहार में ‘लोक’ शब्द का अर्थ ‘सम्पूर्ण जनमानस’ के लिए होता है। ऋग्वेद में ‘लोक’ शब्द का प्रयोग ‘जन’ के पर्यायवाची शब्द के रूप में हुआ है। भरतमुनि ने अपने
Read Moreभारत की धरती से उठी अफ्रीकी बच्चों के लिए न्याय की आवाज
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी और दलाई लामा सहित पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उद्योगपति नारायण मूर्ति ने उठाई अफ्रीकी बच्चों के न्याय की मांग भारत की धरती से अफ्रीकी बच्चों के लिए आवाज उठी है। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता श्री कैलाश सत्यार्थी की पहल पर प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता दलाई लामा, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, दिग्गज उद्योगपति श्री नारायण मूर्ति सहित
Read Moreवैलेंटाईन के बोझ का मारा फरवरी (व्यंग्य लेख)- शशि पाण्डेय
बेचारा फरवरी वैलेंटाईन के बोझ का मारा बारह महीनों में एक कमज़ोर फ़रवरी का महीना जिसके ऊपर ही दुनिया भर के प्रेमियों का बोझ है। एक तो इसके दिन कम ऊपर से इतना प्रेशर बडी नाइंसाफी है। यही दुनिया का दस्तूर है जो जितना कमजोर होता है वो उतना ही कुचला जाता है। कमजोर से ही ज्यादा काम लिया जाता है । क्या बाकी के महीनों को ये काम आपस
Read Moreअकड़, ठसक और प्यार ‘गौरव की स्वीटी’ में
आजकल ओटीटी प्लेटफॉर्म की बाढ़ सी आई हुई है। कुछ समय पहले राजस्थान में ओटीटी प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया था। तो इधर हरियाणा का अपना ओटीटी प्लेटफॉर्म भी बना ‘स्टेज एप्प’ एम एक्स प्लेयर, हॉट स्टार , नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम जैसे बड़े ओटीटी प्लेटफार्म तक कई बार पहुंच न बना पाने के कारण तो कई बार अपने ही क्षेत्र के क्षेत्रीय सिनेमा को आगे बढ़ाने के इरादों से ये प्लेटफार्म्स
Read More