केरल बोर्ड के ‘मार्क्स जिहाद’ का शिकार दिल्ली विश्वविद्यालय – रसाल सिंह

दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित किरोड़ीमल कॉलेज में पिछले 30 वर्ष से भौतिक-शास्त्र पढ़ाने वाले प्रोफ़ेसर राकेश कुमार पाण्डेय के एक बयान ने शिक्षा जगत में नये विवाद को जन्म दे दिया हैI उन्होंने केरल राज्य बोर्ड द्वारा अत्यंत उदारतापूर्वक छात्रों को बड़ी संख्या में 100 फ़ीसद मार्क्स देने की प्रवृत्ति की इशारा करते हुए इसे ‘मार्क्सवादी विचारधारा के प्रचार-प्रसार की सुचिंतित और सुनियोजित साजिश’ बताया हैI इन अत्यधिक बढ़े हुए मार्क्स के आधार पर देश के सबसे प्रतिष्ठित दिल्ली विश्वविद्यालय की ‘कटऑफ’ आधारित प्रवेश-प्रक्रिया के तहत मनमाफिक कॉलेज और कोर्स में प्रवेश सुनिश्चित हो जाता हैI उन्होंने केरल प्रान्त के छात्रों के अत्यधिक बढ़े हुए (inflated) मार्क्स के आधार पर प्रवेश लेने और मार्क्सवादी विचारधारा के प्रचार-प्रसार की साजिश को ‘मार्क्स जिहाद’ की संज्ञा दी हैI उनके बयान पर बहुत से वामपंथी-कांग्रेसी छात्र संगठनों, शिक्षकों और शशि थरूर, जॉन बिट्टास जैसे राजनेताओं ने आपत्ति दर्ज करते हुए उनके खिलाफ बर्खास्तगी जैसी सख्त कार्रवाई की माँग की हैI डॉ. राकेश कुमार पाण्डेय द्वारा प्रयोग की गयी संज्ञा ‘मार्क्स जिहाद’ पर भले ही कुछ लोगों को असहमति या आपत्ति हो, लेकिन उनके द्वारा उठाये गए मुद्दे को निराधार नहीं कहा जा सकता हैI

यह एक सर्वज्ञात तथ्य है कि केरल में ‘लव जिहाद’ और ‘नारकोटिक जिहाद’ फल-फूल रहा है। इसलिए ‘मार्क्स जिहाद’ की संभावना को भी प्रथमदृष्ट्या निरस्त नहीं किया जा सकता है। केरल बोर्ड के छात्रों के दिल्ली विश्वविद्यालय में अत्यधिक दाखिलों के खिलाफ गुनिशा नामक एक छात्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित कॉलेजों- हिन्दू कॉलेज, रामजस कॉलेज, हंसराज कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज, मिरांडा हाउस कॉलेज और श्रीराम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स आदि के लोकप्रिय ऑनर्स पाठ्यक्रमों- राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, कॉमर्स आदि में प्रवेश लेने वाले छात्रों की पिछले कुछ वर्षों की सूची देखने से इस आरोप की पुष्टि हो जाती हैI इस वर्ष का हिन्दू कॉलेज के राजनीति शास्त्र विभाग का मामला सबसे रोचक हैI वहाँ अनारक्षित श्रेणी के अंतर्गत कुल 20 सीटों पर प्रवेश होना था, लेकिन 26 छात्रों को प्रवेश देना पड़ा क्योंकि सभी के 100 फीसद मार्क्स थेI ये सभी छात्र केरल बोर्ड से 100 फीसद मार्क्स लेकर आये हैंI

एक वामपंथी रुझान के टी वी चैनल (एनडीटीवी) ने दिल्ली विश्वविद्यालय की पहली कटऑफ में हुए दाखिलों के आंकड़े देते हुए इस आरोप का खंडन किया हैI इस चैनल ने बताया है कि पहली कटऑफ के बाद कुल 31172 दाखिले हुए हैंI इनमें से केरल बोर्ड के 2365, हरियाणा बोर्ड के 1540 और राजस्थान बोर्ड के 1301 दाखिले हुए हैंI आंकड़ों की इस बाजीगरी में यह तथ्य छिपा लिया गया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेजों के सर्वाधिक लोकप्रिय पाठ्यक्रमों की आधे से अधिक सीटों पर अकेले केरल बोर्ड के छात्रों ने ही प्रवेश लिया हैI एक तथ्य यह भी है कि प्रवेश लेने वाले केरल बोर्ड के इन छात्रों में आधी संख्या मुस्लिम समुदाय के छात्रों की हैI
उल्लेखनीय तथ्य यह भी है कि इस वर्ष केरल बोर्ड के 234 छात्रों ने 100 फीसद अंक और 18510 छात्रों ने उच्चतम ए+ ग्रेड प्राप्त की हैI सीबीएसई के मात्र एक छात्र ने ही 100 फीसद अंक पाये हैं; जबकि सीबीएसई से परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या केरल बोर्ड से दसियों गुना अधिक हैI इस वर्ष केरल बोर्ड के 700 छात्रों ने बेस्ट फोर (जिसके आधार पर कट ऑफ निर्धारण होता है) में 100 फीसद अंकों के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय में आवेदन किया है। साथ ही, केरल बोर्ड के कुल आवेदक 4824 हैं, जिनमें से अधिसंख्य के अंक 98 प्रतिशत या उससे अधिक हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में यह ट्रेंड पिछले 3-4 वर्षों में क्रमशः बढ़ता गया हैI इस वर्ष इसकी इन्तहा ही हो गयी हैI दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस कॉलेजों के अनेक शिक्षकों ने ‘ऑफ द रिकॉर्ड’ इस बात की पुष्टि की हैI उन्होंने यह भी बताया है कि 100 फीसद मार्क्स लाने वाले इन छात्रों को विषय की बहुत कम समझ होती है। इन छात्रों को अंग्रेजी और हिंदी दोनों ही भाषाएं समझ न आने के कारण कक्षा में ‘संप्रेषण के अभूतपूर्व संकट’ का सामना करना पड़ता हैI इसीलिए केरल बोर्ड से 100 फीसदी अंक लाने वाले छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में जैसे-तैसे उत्तीर्ण हो पाते हैंI ये तथ्य केरल बोर्ड की मूल्यांकन प्रणाली को संदिग्ध बनाते हैंI

यह महज संयोग नहीं है कि दिल्ली के ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पिछले 3-4 साल में मार्क्सवादी विचारधारा कमजोर हुई है और वहाँ इस विचारधारा के छात्रों की आमद क्रमशः कम हुई हैI इससे दिल्ली विश्वविद्यालय को मार्क्सवादी विचार की नयी आश्रयस्थली या पौधशाला में बदला जा रहा हैI पिछले कुछ सालों में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनावों में वामपंथी छात्र संगठनों को मिलने वाले मतों में क्रमशः बढ़ोतरी भी इस ओर इशारा करती हैI दिल्ली विश्वविद्यालय एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय हैI उसमें प्रवेश लेने का अधिकार देश के प्रत्येक राज्य और बोर्ड के छात्रों को हैI क्षेत्र, धर्म या बोर्ड के आधार पर किसी को भी उपेक्षित या वंचित नहीं किया जा सकता हैI लेकिन यह भी उतना ही बड़ा सच है कि किसी बोर्ड से पढ़ने या राज्य विशेष का निवासी होने का नाजायज़ फायदा भी किसी को नहीं मिलना चाहिए क्योंकि इससे अन्य योग्य अभ्यर्थियों की हकमारी होती हैI
उत्तर प्रदेश बोर्ड की सख्त मूल्यांकन प्रणाली के शिकार छात्र इसके उदाहरण हैंI अगर कोई सरकार सुचिंतित तरीके से विचारधारा विशेष के प्रचार-प्रसार के लिए ऐसा कर रही है तो यह अनुचित, आपत्तिजनक और निंदनीय हैI मार्क्स के सहारे मार्क्सवाद का प्रचार-प्रसार संभव नहीं होगा। विचारधारा के प्रसार का यह शॉर्टकट रास्ता आत्मघाती, अल्पजीवी और अस्थायी होगाI वस्तुतः यह राज्य की नौजवान पीढ़ी के भविष्य और अपने संवैधानिक दायित्वों के साथ खिलवाड़ हैI इससे अन्य बोर्डों में भी इसतरह की प्रवृत्ति बढ़ेगी। वे भी अधिकाधिक अंक देकर अपने बोर्ड के छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में ज्यादा से ज्यादा संख्या में प्रवेश दिलाने के आसान रास्ते पर चल पड़ेंगे। इससे शिक्षा व्यवस्था और मूल्यांकन प्रणाली क्रमशः अधोमुखी होती हुई धराशायी हो जाएगी। निश्चय ही, इसके लिए छात्र-छात्राओं को दोषी नहीं ठहराया जा सकता हैI वे बेचारे तो व्यवस्था के ‘गिनीपिग’ हैंI
हालिया विवाद के केंद्र में भले ही केरल बोर्ड या केरल से आने वाले छात्र हों, लेकिन लगभग एक दशक से उदार मूल्यांकन और अत्यधिक बढ़े हुए अंकों की प्रवृत्ति केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के साथ-साथ अधिसंख्य राज्य बोर्डों में भी दिखाई दे रही हैI यह अत्यंत चिंताजनक हैI अध्ययन-अध्यापन और जीवन में अंकतालिका के बढ़ते महत्व ने तमाम चुनौतियाँ पैदा की हैंI सबसे पहले तो इसने पढ़ने-पढ़ाने का आनन्द समाप्त कर दिया हैI यह प्रक्रिया मशीनी हो गयी हैI सीखने और समझने की जगह पूरा ध्यान अंक लाने पर केन्द्रित हो गया हैI इससे छात्रों के ऊपर अत्यंत दबाव और तनाव हावी हो गया हैI बच्चों और उनके माता-पिता के लिए बोर्ड परीक्षा (खासतौर पर बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा) अत्यंत खौफनाक अनुभव हो गयी हैI यह किले को फतह करने जैसी उपलब्धि बन गयी हैI अगर कोई छात्र बहुत अच्छे अंक नहीं ला पाता है तो उसके माता-पिता को उसके जीवन के बर्वाद होने की आशंका सताने लगती हैI ये अंक उन्हें न सिर्फ सफलता और संभावनाओं की राह खुलने की आश्वस्ति देते हैं, बल्कि उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा में भी इजाफा करते हैंI माता-पिता अपने बच्चों को अपनी असफलताओं और अधूरे सपनों को पूरा करने का माध्यम बनाये जा रहे हैंI

आज तोतारटंत शिक्षा का बोलबाला हैI इस अंककेंद्रित व्यवस्था में रचनात्मकता, आलोचनात्मक चिंतन और विश्लेषणक्षमता के विकास का कोई अवकाश या अवसर नहीं है। एक पूरी-की-पूरी पीढ़ी और पूरा-का-पूरा देश इस चूहादौड़ की चपेट में हैI कोई इस कहावत को नहीं सुनना-समझना चाहता कि ‘चूहादौड़ को जीतकर भी आप चूहा ही रहते हैंI’ विडम्बनापूर्ण ही है कि पेरेंटिंग का मापदंड बोर्ड परीक्षा के अंक बन गए हैंI बच्चे ने कितना और कैसा ज्ञान अर्जित किया, क्या संस्कार सीखे, एक जिम्मेदार नागरिक और बेहतर मनुष्य के रूप में उसका कितना और कैसा विकास हुआ; इससे किसी को कुछ भी लेना-देना नहीं है…! माता-पिता, समाज, शिक्षण संस्थान और सरकार का ध्यान और ध्येय बच्चे की मार्क्सशीट में अधिकाधिक अंक दर्ज कराने पर हैI मार्क्स का अत्यधिक महत्व बढ़ जाने से अभिभावकों से लेकर शिक्षक, विद्यालय और स्वयं छात्र अत्यंत दबाव में हैंI इसलिए अवसाद आदि तमाम मानसिक विकार और आत्महत्या जैसे विचार छात्रों में लगातार बढ़ रहे हैंI अधिकाधिक मार्क्स लाने की विकृत प्रतिस्पर्धा ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों का रोबोटीकरण कर दिया हैI हर बोर्ड में सैकड़ों की संख्या में छात्र 100 फीसद अंक ला रहे हैंI 100 फीसद या उसके आसपास अंक प्राप्त करने वाले छात्र खुद की सर्वज्ञता का अहं पाल बैठते हैं। उनमें कुछ नया सीखने या करने की कोई चाहत या कोशिश भी नहीं रहती। निश्चय ही, यह शोचनीय स्थिति है और इसे तत्काल दुरुस्त करने की आवश्यकता हैI इसके लिए देशभर में एक स्तरीय,समावेशी और समान मूल्यांकन प्रणाली लागू करनी होगी। मूल्यांकन में सततता और समग्रता आवश्यक है।
पिछले दिनों शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनटीए) द्वारा सभी केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश हेतु केंद्रीकृत परीक्षा आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी हैI इससे कुछ हद तक समस्या का समाधान होगाI लेकिन कोचिंग आदि की प्रवृत्ति बढ़ने की भी आशंका हैI गाँव और गरीबों के बच्चे इस प्रवेश परीक्षा में कैसे और कितनी भागीदारी कर सकेंगे, इसपर चिंतन आवश्यक हैI इन छात्रों के हित-संरक्षण के लिए स्तरीय और वहनीय उच्च शिक्षा का व्यापक विस्तार करने की भी आवश्यकता हैI इसके साथ ही, मातृभाषा में उच्च शिक्षा देने का भी प्रबंध करने की आवश्यकता हैI राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में इस दिशा में ठोस प्रावधान किये गए हैंI
लेखक – प्रोफेसर रसाल सिंह जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय में अधिष्ठाता, छात्र कल्याण हैंI
Say, you got a nice blog post. Will read on…
I cannot thank you enough for the post.Thanks Again. Fantastic.
Nice answer back in return of this difficultywith genuine arguments and explaining all on the topic of that.
I quite like looking through an article that can make men and women think. Also, many thanks for allowing for me to comment.
I really like and appreciate your article post.Really thank you! Much obliged.
Major thankies for the post.Really looking forward to read more. Fantastic.
ivermectin for rats ivermectin 4000 ivermectin 1.87 paste for humans toxic what was used before ivermectin
A fascinating discussion is worth comment. I do believe that you need to write more on this subject, it might not be a taboo subject but usually folks don’t discuss these issues. To the next! All the best.
I cannot thank you enough for the article.Really looking forward to read more. Keep writing.
It’s difficult to find knowledgeable people for this subject, however, you sound like you know what you’re talking about! Thanks
I am curious to find out what blog system you’re working with? I’m experiencing some small security problems with my latest blog and I’d like to find something more safe. Do you have any recommendations?
I the efforts you have put in this, thanks for all the great articles.My blog post – Testo Bull Capsules
Hi there! I could have sworn I’ve visited this website before but after browsing through many of the articles I realized it’s new to me. Nonetheless, I’m certainly happy I discovered it and I’ll be bookmarking it and checking back often.
I cannot thank you enough for the blog post. Great.
Having read this I believed it was rather enlightening. I appreciate you taking the time and energy to put this article together. I once again find myself spending a significant amount of time both reading and leaving comments. But so what, it was still worth it.
Looking forward to reading more. Great blog. Great.
Muchos Gracias for your post.Really thank you! Cool.
Thanks a lot for the blog article.Really looking forward to read more. Really Great.
Excellent blog post. I certainly appreciate this website. Continue the good work!
Factor nicely taken.! canadian pharmacies that ship to us
Hello, its nice post about media print, we all be familiar with media is a wonderful source of data.
Great line up. We will be linking to this great article on our site. Keep up the good writing.
Hey, thanks for the article post.Much thanks again. Really Cool.
I value the blog article.Really thank you! Want more.
Your style is very unique compared to other people I’ve read stuff from. I appreciate you for posting when you’ve got the opportunity, Guess I will just bookmark this page.
I would like to thank you for the efforts you have put in writing this blog. I really hope to check out the same high-grade content by you in the future as well. In truth, your creative writing abilities has motivated me to get my very own website now 😉
It’s wonderful that you are getting ideas from this postas well as from our dialogue made at this time.
Very informative post. Want more.
great issues altogether, you just gained a new reader. What might you recommend in regards to your put up that you made some days in the past? Any certain?
I love what you guys tend to be up too. This kind of clever work and reporting!Keep up the awesome works guys I’ve added you guys to my personal blogroll.
Thank you ever so for you article.Really thank you! Really Great.
Thanks for one’s marvelous posting! I quite enjoyed reading it,you can be a great author.I will be sure to bookmark your blogand definitely will come back later on. I want to encouragethat you continue your great posts, have a nice day!
I loved your article.Really thank you! Keep writing.
I appreciate you sharing this article post.Much thanks again. Cool.
Thank you ever so for you post.Much thanks again. Will read on…
Aw, this was an extremely nice post. Taking the time and actual effort to produce a very good article… but what can I say… I put things off a lot and don’t manage to get anything done.
I really enjoy the article post.Thanks Again. Cool.
Great blog post.Really looking forward to read more. Keep writing.
A big thank you for your article post.Really looking forward to read more. Cool.
It is really a nice and helpful piece of info. I¡¦m glad that you just shared this helpful information with us. Please keep us up to date like this. Thank you for sharing.
A big thank you for your article post.Really thank you! Keep writing.
website
Fantastic article post.Much thanks again. Awesome.
Im obliged for the article. Really Cool.
Hi there, just became alert to your blog through Google, and found that it’s really informative.I am gonna watch out for brussels. I will appreciate if youcontinue this in future. Many people will be benefitedfrom your writing. Cheers!
A big thank you for your post.Really thank you! Cool.
Fine way of explaining, and pleasant article to take facts about my presentation subject,which i am going to deliver in school.