दिनकर की दुनिया- प्रेम कुमार मणि

यह लेख राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के जन्मदिन पर 2018 में लिखा गया था।
आज 23 सितम्बर कवि दिनकर ( 1908 -1974 )का जन्मदिन है। उनके जन्मस्थान बेगूसराय जिले में आयोजित एक जलसे में मुझे भाग लेना था। वहां के उत्साही डीएम राहुल कुमार ने इस आयोजन में रूचि ली थी और उनका ही आमंत्रण था लेकिन जलसे का जो प्रारूप उभर कर आया, वह साहित्यिक कम, राजनीतिक अधिक था इसलिए, उसमे शामिल होना मुझे अपमानजनक लगा। इसीलिए नहीं जाने का निर्णय लिया। शायद अनुपस्थित होकर दिनकर के प्रति मैं अधिक सम्मान प्रदर्शित कर सकता था। दिनकर जी पर जब कभी सोचा, विचार किया है, हैरान हुआ हूँ । उनके जीवन में इतने अंतर्विरोध थे जिसकी कल्पना मुश्किल है।
सिमरिया के एक मामूली किसान परिवार में जन्मे इस कवि की दुनिया विचित्र थी। वह उस दौर में हुए जब राष्ट्रीय आंदोलन उभार पर था। किन्तु इस संघर्ष में उनके शामिल होने की कोई सूचना नहीं मिलती। कवि के सपनों में राष्ट्र रहा किया, लेकिन वह स्वयं अपने घर-परिवार की माया से कभी मुक्त नहीं हो सका। उस परिवार को पालने के लिए चाकरी करते रहे, जो हमेशा उनके लिए जंजाल बना रहा। चाकरी से मुक्त हुए तब प्रोफ़ेसर बनाये गए और फिर राज्यसभा सदस्य। लेकिन उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई। अपने घर-परिवार और मोह में वह धंसते चले गए। कभी मुक्त नहीं हुए। दिनकर जी ने आत्मकथा नहीं लिखी। उनकी डायरी के पन्ने, पत्र और उन पर लिखे गए संस्मरण कुछ बतलाते हैं। उनका एक पत्र उनके हाल का थोड़ा साक्ष्य देता है। इसी पर केंद्रित होना चाहूंगा।

यह पत्र उन्होंने अपने एक अंतरंग मित्र जो उन दिनों अमेरिका में थे, को वर्ष 1953 में लिखा है। 1908 में मैंने दिनकर जन्मशती पर एक पत्रिका का विशेषांक सम्पादित किया था। यह पूरा पत्र उसमे प्रकाशित है। पत्र 14 -8 -1953 को चौधरी टोला, पटना से लिखा गया है। शुरूआती क्षेम -समाचार के बाद लिखते हैं -“अब कुछ मेरी भी कथा सुनो। इस साल अगहन से लेकर आषाढ़ तक दो भतीजियों की शादी की झंझट में रहा। पहले वर खोजने में, पीछे ब्याह की तैयारी में। नौकरी छोड़ कर संसद मेंआया, आमदनी जाती रही। इस बीच गंगाजी ने भी कृपा की और पंद्रह बीघे जमीन कट गयी। यह जमीन सबसे अच्छी थी। छोटे साहब की स्त्री ने इतना कोहराम मचाया कि तीन साल पहले मेरी अनुपस्थिति में ही घर पर बंटवारा हो गया और मजा यह कि दोनों भाइयों ने एक-एक बेटा पढ़ाने के लिए मेरे मत्थे फेंक दिया और बेटियों के ब्याह भी। ब्याह में छोटे भाई ने कुछ रुपये दिए। तेरह-चौदह हज़ार का प्रबंध मुझे करना पड़ा। ज़िंदगी में पहले -पहल कर्ज़दार होना पड़ा है। क़र्ज़ पाप है और उस से प्रतिभा कुंठित हो जाती है।”
समकालीन साहित्यकारों से वे कम परेशान न थे। उन्हीं से सुनिए – “लोग समझते हैं कि मैं मंत्री बनने को ही नौकरी छोड़ कर दिल्ली आया हूँ। और इस प्रवाद को फैलाने में सर्वाधिक हाथ पितृवत पूज्य, परम श्रद्धेय राष्ट्रकवि श्री मैथिलीशरण जी को है। वे संसद में आ गए, यह उनका जन्मसिद्ध अधिकार था, मैं गरीब क्यों आया, इसका उन्हें क्रोध है। सच कहता हूँ, जन्म भर गुप्त जी पर श्रद्धा सच्चे मन से करता रहा हूँ ….मगर फिर भी यह देवता कुपित है और इतना कुपित है कि छिप-छिप कर वह मुझे सभी भले आदमियों की आँखों से गिरा रहा है” “बेनीपुरी जी भी नाराज़ थे, क्योंकि वे खेत चरना चाहते थे और मुझ से यह उम्मीद करते थे कि मैं लाठी लेकर झाड़ पर घूमता रहूं, जिस से कोई खेत वाला भैंस को खेत से बाहर नहीं करे। और भी दो-एक मित्र अकारण रुष्ट हैं। और यहां की विद्वत्मण्डली तो पहले जाति पूछती है। सबसे दूर, सब से अलग, आजकल सिमटकर अपने घर में घुस गया हूँ। बिहार नष्ट हो गया, इसका सांस्कृतिक जीवन भी अब विषाक्त है। अब तुम जाति की सुविधा के बिना यहां न तो कोई दोस्त पा सकते हो, न प्रेमी, न प्रशंसक और न मददगार। जय हो यहां की राजनीति की। और सुधार कौन करे? जो खड़ा होगा उस पर एक अलग किस्म की बौछार होगी। मेरा पक्का विश्वास है कि बुद्ध यहां नहीं आये थे, महावीर का जन्म यहां नहीं हुआ था। यह सारा इतिहास गलत है। साहित्य का क्षेत्र यहां बिलकुल गंदा है। ‘पंडित सोइ जो गाल बाजवा भी नहीं’ यहां का साहित्यकार वह है, जो टेक्स्ट बुक लिखता है। बेनीपुरी रुपये कमाते-कमाते थक गया, आजकल मूर्छा से पीड़ित रहता है। चारों ओर का वातावरण देख कर मैं भयभीत हो गया हूँ . . चारों ओर रेगिस्तान है, कैक्टस लैंड का विस्तार है।”

अब फिर घर का हाल सुनो। रामसेवक इस वर्ष एमए देने वाले थे, मगर ऐन परीक्षा के दिन नर्वस होकर बीमार हो गए। उनमें पराक्रम अब तक नहीं जगा। श्रीमती आधी जान की हो रही हैं और जो पतोहू आयी है उससे काम नहीं लेकर खुद मरी जा रही है। लाख सुधारना चाहा, मगर घर की हालत सुधरती नहीं। भगवान अब मुझे उठा ले तो अच्छा है। …. लोग मेरी हड्डी पसली चबाकर खा जाना चाहता है और ऐसी अवस्था में मैंने नौकरी छोड़ने की गलती की। गलती की तो क्या करें? नौकरी तो प्रचार विभाग में ही छोड़ दी थी। जब सरकार ने शिक्षा विभाग का ऑफर भेजा, दोस्तों ने सलाह दी ‘देखो इसमें शायद जी लग जाये। लेकिन कॉलेज में तबियत लगकर भी नहीं लगी। वहां भी जातिवादियों का जाल था वहां भी अपमानजनक बातें सुनने में आयीं। वहां भी ईर्ष्या द्वेष और मलिनता का सामना करना पड़ा। साथ ही, यह भी भासित रहा कि कविता की सब से अच्छी कब्र कॉलेज ही है। कविता को बचाने केलिए वहां से भागने को तो पहले ही तैयार था, जब कांग्रेस का ऑफर आया मैं नौकरी छोड़कर संसद में आ गया। अब मैथिलीशरण और अर्थाभाव, ये दो संकट झेल रहा हूँ और बाहर लोग अब भी काफी आमिर समझते हैं। खुद घरवाले सोचते हैं अभी इस बिल में और नहीं तो पचीस-पचास हज़ार तो जरूर होंगे।”
इन स्थितियों में एक कवि ने किस तरह अपनी चेतना को बचाया होगा, इसका अनुमान करना अधिक मुश्किल नहीं है। संस्कृति के चार अध्याय में उन्होंने एक बड़े विमर्श को सामने रखने का प्रयास किया है। लेकिन जितना अच्छा होना चाहिए था, वह हो नहीं सका है। उनकी मेधा पर विचार करता हूँ तब हैरानी होती है। कौन-सी चीज थी जिसने उन्हें टैगोर की ऊंचाई तक नहीं पंहुचने दिया। मैं समझता हूँ, यह बिहारी समाज और घर-परिवार। लम्बे समय तक इस ओजस्वी गायक को न साहित्यिक वातावरण मिला, न प्रतियोगी। तुकबन्दीकारों की दुनिया में वह वाह -वाह के झूले पर देर तक झूलते रह गए। उनसे वह आत्मनिर्वासन संभव न हो सका, जो उनके लिए अपेक्षित था।
लेखक – प्रेम कुमार मणि, प्रख्यात साहित्यकार व आलोचक
Новинки фільми, серіали, мультфільми
2021 року, які вже вийшли Ви можете дивитися
українською на нашому сайті 2022
Нові сучасні фільми дивитися українською мовою
онлайн в хорошій якості HD Link
Нові сучасні фільми дивитися українською мовою
онлайн в хорошій якості HD Link
Дивитися фільми онлайн в HD якості українською мовою Link
Дивитися фільми українською мовою
онлайн в HD якості Link
yutube
Дивитися фільми онлайн в HD якості українською мовою link
Новинки фільми, серіали, мультфільми 2021 року, які вже вийшли Ви можете дивитися українською на нашому сайті
link
Не пропустіть кращі новинки кіно
українською 2021 року filmiwap.store
Найкращі українські фільми 2021 року
z.globus-kino.ru
Найкращі фільми 2021 Link
Дивитися популярні фільми 2021-2021 року
Link
Фільми та серiали 2020 українською мовою в HD якості Link
Найкращі українські фільми 2021 року Чужестранка
Дивитися фільми українською онлайн Наруто Ураганные Хроники 404 серия (2 сезон)
Дивитися популярні фільми 2021-2021 року Папы 2022
Дивитися популярні фільми 2021-2021
року Золото 17 серия
Найкращі фільми 2021 link
Не пропустіть кращі новинки кіно українською 2021 року link
We’re a group of volunteers and starting a
new scheme in our community. Your web site provided us with valuable info to work on. You’ve done a formidable
job and our whole community will be thankful to you.
Thank you for the good writeup. It in fact was a amusement account it.
Look advanced to far added agreeable from you! However, how can we communicate?
Howdy! Someone in my Facebook group shared this website with
us so I came to take a look. I’m definitely enjoying the information. I’m bookmarking and will
be tweeting this to my followers! Exceptional blog and outstanding design and style.
Hi! I’m at work browsing your blog from my new iphone!
Just wanted to say I love reading your blog and look forward to
all your posts! Keep up the outstanding work!
Hi to every single one, it’s truly a good for me to pay a visit this website,
it contains precious Information.
Hi friends, nice article and good arguments commented
here, I am genuinely enjoying by these.
Thank you for the auspicious writeup. It in truth was once a amusement account it.
Look complex to more added agreeable from you!
However, how could we be in contact?
I really like reading through a post that will make men and women think.
Also, many thanks for allowing for me to comment!
Genuinely no matter if someone doesn’t be aware
of afterward its up to other users that they will assist, so
here it occurs.
Genuinely when someone doesn’t know then its up to other
viewers that they will assist, so here it takes place.
Hello, i feel that i saw you visited my web site thus i
came to go back the want?.I am trying to in finding things to improve my site!I assume its good enough
to make use of some of your concepts!!
Does your blog have a contact page? I’m having problems locating it but,
I’d like to send you an e-mail. I’ve got some ideas for your blog you might be
interested in hearing. Either way, great website and I look
forward to seeing it improve over time.
Hey! This is my first comment here so I just wanted to give a quick shout
out and tell you I really enjoy reading your articles.
Can you recommend any other blogs/websites/forums that
go over the same subjects? Thanks a lot!
Your style is so unique in comparison to other folks I’ve read stuff from.
Thank you for posting when you’ve got the opportunity, Guess
I will just bookmark this web site.