सुजाता प्रसाद की कविता- ‘रक्षाबंधन’

सरस पावस का त्योहार
सावन का साज है राखी,
एक दूसरे की खुशी की आस
भाई बहन का विश्वास है राखी।

भाई-बहन के रिश्ते का
अटूट प्रेम का प्रतीक
एक बंधन रक्षा का
रक्षाबंधन है पावन रीत।
लेकर आता साथ अपने
अपार खुशियों का संसार
घर की समृद्धि और सुख
भाई बहन का अनोखा प्यार।
सुजाता प्रसाद हमारे समय की एक लोकप्रिय कवि हैं। आप सनराइज एकेडमी, नई दिल्ली में शिक्षिका हैं साथ ही मोटिवेशनल ओरेटर भी हैं। ईमेल : sansriti.sujata@gmail.com, काव्य संग्रह : अनुभूतियों_की_काव्यांजलि
