Category: राजनीति
बिहार में अनुसूचित जाति की आबादी और शिक्षा की दर- वीरेन्द्र यादव
बिहार में अनुसूचित जाति की आबादी और शिक्षा की दर(यह आंकड़ा 2011 की जनगणना पर आधारित है) जाति — आबादी ———- शिक्षा का प्रतिशत चमार — 4614031 — 41.2 दुसाध — 4560668 — 41.2 मुसहर — 2631683 — 23.0 पासी — 713589 — 45.5 भूइंया — 696195 — 25;3 धोबी — 655615 — 49.7 रजवार — 272442 — 32.2 डोम — 142131 — 24.1 मेहतर — 140470 — 44.6 बनतर
Read Moreविधान सभा की तरह बिस्कोमान पर भी तीन जातियों का कब्जा- वीरेंद्र यादव
अध्यक्ष- 1. सुनील सिंह, एमएलसी (राजपूत) बोर्ड आफ डायरेक्टर- यादव- 1. विनय यादव, गया, विधायक 2. पार्थ कुमार राय, छपरा 3. रामविशुन सिंह, पटना 4. विष्णुदेव राय, वैशाली, पूर्व एमएलसी राजपूत- 5. सत्येंद्र सिंह, आरा 6. राम कलेवर सिंह, समस्तीपुर 7. मनोज सिंह, सीवान, पूर्व विधायक 8. हीरा प्रसाद सिंह, पूर्णिया भूमिहार- 9. अमिता भूषण, बेगूसराय, पूर्व विधायक 10. महेश राय, गोपालगंज 11. अमरनाथ पांडेय, मुजफ्फरपुर ब्राह्मण- 12. रमेश चंद्र
Read Moreज्यादा फूदकेंगे तो सांसदी भी जायेगी चिराग की- बीरेंद्र यादव
समाजवादी राजनीति के बड़े नेताओं में शुमार किए जाने वाले नेता स्वर्गीय रामविलास पासवान के पुत्र और पशुपति कुमार पारस के भतीजे चिराग पासवान बुरी तरह घिर गए हैं। पार्टी और परिवार की लडा़ई में दोनों मोर्चों पर उनके चाचा और हाजीपुर से लोकसभा सांसद पशुपति पारस ने चिराग पासवान को मात दे दी है। पारस ने अपने दूसरे भतीजे सांसद प्रिंस पासवान को साथ लेकर परिवार पर अपनी पकड़
Read Moreनेतृत्व के 20वें वर्ष में मोदी – वेद प्रकाश
तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहें न रहें… इस भाव बोध के साथ जीने वाले नरेंद्र मोदी 07 अक्तूबर 2001 से निरंतर सरकारों के मुखिया के रूप में 19 साल पूरे कर 20वें वर्ष में प्रवेश कर गए हैं। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनी हुई सरकारों के मुखिया के रूप में 6941 दिन का कार्यकाल पूरे करने वाले वे भारतवर्ष के शीर्ष नेता हैं। वैश्विक दृष्टि
Read Moreअस्मिता की राजनीति का सच- भगवान ठाकुर
बिहार की राजनीति पर विहंगम दृश्टि डालते ही जातिवादी राजनीति की एक अलग तरह की तस्वीर नजरों के सामने प्रकट होती है। बिहार की राजनीति में एक बहुत बड़ी आबादी आज भी हासिए पर है। यह बात आश्चर्यजनक एवं अफसोसनाक इसलिए है कि बिहार में पिछड़ा वर्ग आंदोलन, अस्मितावादी राजनीति का लंबा इतिहास रहा है। किन्तु अस्मिता की राजनीति भी जातिवाद की भेंट चढ़ गई, जिनके विशय में डॉ. राम
Read Moreजातिगत जनगणना की जरुरत- रमाशंकर कुशवाहा
जाति की गणना समाज के सभी वर्गों की निष्पक्षता, न्यायप्रियता और देश के सामंजस्यपूर्ण विकास के लिए सहयोगी साबित होगी- लेखक भारत में जातिगत जनगणना समय की जरूरत है। इसकी शुरुआत 1881 में अंग्रेजी व्यवस्था में हुई थी। 1881 से लेकर 1931 तक लगातार यह कार्य जारी रहा। जातिगत जनगणना आख़िरी बार 1931 में हुई थी। 1881 से प्रत्येक 10 वर्ष के अंतराल पर होने वाली जातिगत जनगणना 1941 में
Read Moreनया नहीं है भाजपा-जजपा गठबंधन- अरुण कुमार
जननायक जनता पार्टी के सहयोग से भारतीय जनता पार्टी के मनोहरलाल खट्टर ने दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनके साथ जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। दुष्यंत हरियाणा की राजनीति के सबसे बड़े नेता रहे चौधरी देवी लाल उर्फ ‘ताऊ‘ के पड़पोते हैं। दुष्यंत ने हाल ही में अपने दादा की पार्टी इनेलो से अलग होकर जजपा का गठन
Read Moreयुद्धों का राजनीतिक उपयोग कोई कॉंग्रेस से सीखे- अरुण कुमार
राष्ट्रवादी कॉंग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने बयान दिया कि ‘ पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने कभी भी सेना के शौर्य का इस्तेमाल कभी भी वोट हासिल करने के लिए नहीं किया।’ लेकिन इन्दिरा गांधी के कार्यकाल के इतिहास की वस्तुनिष्ठ ढंग से पड़ताल की जाए तो पवार का यह कथन इतिहास को झूठा साबित करता हुआ प्रतीत होता है। उनका यह बयान उस समय आया है जब उनके
Read Moreनितीश को है मोदी का सहारा- अरुण कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को हमेशा सहारे की जरूरत पड़ती है लेकिन वे हमेशा यह दिखाते हैं कि वे ही दूसरे का सहारा हैं। हालिया विधानसभा उपचुनाव में उनकी पार्टी बुरी तरह हार गई है क्योंकि उन्हें भाजपा के नेताओं- कार्यकर्ताओं का सहयोग नहीं मिला। अगले विधानसभा में देखिये उन्हें भाजपा का कितना सहयोग मिलता है। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ ही बिहार में भी
Read More