Category: बिहार
बजट में बिहार को क्या मिला- अरुण कुमार
अमृत काल के आम बजट का सर्वाधिक लाभ बिहार जैसे गरीब राज्य को सर्वाधिक मिलेगा- श्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व उपमुख्यमंत्री व पूर्व वित्तमंत्री, बिहार। केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी 2023 को प्रस्तुत ‘बजट 2023-24’ से अंतिम छोर और अंतिम व्यक्ति को सबसे अधिक लाभान्वित होने की संभावना जताई जा रही है। अर्थशास्त्रियों का भी यह मानना है कि इस बजट से बिहार जैसे गरीब राज्यों को सर्वाधिक
Read Moreकपिलदेव प्रसाद को पद्मश्री बावनबूटी कला को वरदान- अरुण कुमार
केंद्र सरकार ने कपिलदेव प्रसाद को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान कर बावनबूटी कला को नया जीवन देने की सार्थक पहल की है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर इस बार बिहार के तीन लोगों आनंद कुमार, सुभद्रा देवी और कपिलदेव प्रसाद को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया है। ये तीनों अपने-अपने तरीके और संसाधनों से सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। ‘सुपर-30’ के माध्यम से गरीब बच्चों को आईआईटी प्रवेश परीक्षा
Read Moreसंविधान सभा में बिहार की भूमिका- पुष्यमित्र
वे 36 बिहारी जिनके विचार गूंजते हैं संविधान में- पुष्यमित्र देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस दिन संविधान निर्माता डॉं. भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है। यूजीसी ने भी देश के सभी विश्वविद्यालयों को आदेश दिया कि वे 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाएं। भारत के संविधान निर्माता के रूप में डॉ. भीमराव अम्बेडकर को जाना जाता है। इन्होंने
Read Moreप्लास्टिक पर निर्देशों का हो पालन – चन्दन कुमार चौधरी
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने हाल ही में चुनाव आयोग और सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को प्लास्टिक खासकर उसके बैनरों एवं होर्डिंग के इस्तेमाल के खिलाफ जारी परामर्श के अनुपालन पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है। एनजीटी का यह फैसला ऐसे समय में सामने आया है जब उसे बताया गया कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और मुख्य चुनाव अधिकारियों से चुनाव अभियानों
Read Moreबटुकेश्वर दत्त की याद में- सुरेन्द्र किशोर
कांग्रेस नेतृत्व ने बटुकेश्वर दत्त को सिर्फ सात महीनों के लिए ही एम.एल.सी.बनाया था। महान क्रांतिकारी ने कहा था कि मुझे वहीं जलाना जहां भगत सिंह जले। उनकी यह अंतिम इच्छा पूरी की गई – सुरेंद्र किशोर बात सन् 1965 की है। दिल्ली के बड़े अस्पताल में क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त मौत से जूझ रहे थे। बगल में रोती -बिलखती उनकी पत्नी अंजलि दत्त, इकलौती बेटी भारती और सांत्वना दिलाती शहीद
Read Moreकम होना चाहिए बच्चे के बस्ते का बोझ- चन्दन कुमार चौधरी
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानि एम्स द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि बस्ते का बोझ स्कूली बच्चों की मांसपेशियों और हड्डियों को कमजोर करता है। अध्ययन में सरकारी स्कूलों के 63 फीसदी बच्चे मांसपेशियों और हड्डियों के दर्द के शिकार पाए गए और इनमें से ज्यादातर बच्चों को एक साल से अधिक समय से दर्द था और इसकी सबसे बड़ी वजह बच्चों के
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